Class 11 Hindi Antra Chapter 1 Question Answer ईदगाह
NCERT Solutions for Class 11 Hindi Antra Chapter 1 ईदगाह
Class 11 Hindi Chapter 1 Question Answer Antra ईदगाह
प्रश्न 1.
‘ईदगाह’ कहानी के उन प्रसंगों का उल्लेख कीजिए जिनसे ईंद के अवसर पर ग्रामीण परिवेश का उल्लास प्रकट होता है ?
उत्तर :
ईदगाह’ कहानी में त्योहारों के प्रति ग्रामीण परिवेश का उल्लास प्रभावी ढंग से प्रकट हुआ है। कथाकार प्रेमचन्द ने इस उल्लास का रंगीन चित्र उपस्थित किया है। रमजान के पूरे तीस रोजों के बाद आई ईद के दिन गाँव का मौसम भी खुशनुमा और बदला हुआ लगता है। वृक्षों पर अजीब सी हरियाली अनुभव होता है। आसमान और उगता सूरज भी अलग अनुभव होता है। गाँव के हर घर में हलचल है। हर घर में ईदगाह जाने की तैयारियाँ हो रही हैं।
कोई अपने कुरते के बटन लगाने के लिए पड़ोसी के घर सुई-धागा माँगने दौड़ रहा है। गाय-बैल हमारे ग्रामीण जीवन का अभिन्न हिस्सा होते हैं। जिन घरों में ये पाले गये हैं, उनके मालिक इन्हें दाना-पानी दे रहे हैं। उन्हें मालूम है कि ईदगाह से वापस आने तक शाम हो जायेगी। ईद का आनन्द उठाने के लिए घर का मुखिया उधार माँगने के लिए भी तैयार हो जाता है। ईदगाह के मैदान की नमाज प्रक्रिया में भी ‘ईद’ का उल्लास प्रकट होता है। बच्चों में खेल-खिलौने आदि को लेकर उल्लास है। इस तरह कथाकार प्रेमचन्द ने मनोवैज्ञानिक एवं यथार्थपरक चित्र प्रस्तुत किया है।
प्रश्न 2.
‘उसके अंदर प्रकाश है, बाहर आशा। विपत्ति अपना सारा दलबल लेकर आए, हामिद की आनंद-भरी चितवन उसका विध्वंस कर देगी।’ – इस कथन के आधार पर स्पष्ट कीजिए कि आशा का प्रकाश मनुष्य को विपरीत परिस्थितियों में भी निरंतर आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है।
उत्तर :
बूढ़ी अमीना अपने पोते हामिद का पालन-पोषण करती है। उसके बेटे बहू अर्थात् हामिद के माता-पिता की मृत्यु हो चुकी है। इसके साथ-साथ अमीना को गरीबी की मार भी झेलनी पड़ती है। वह दूसरों के घरों के छोटे-छोटे काम करके अपना और अपने पोते हामिद का पेट पालती है। ‘ईद’ को त्योहार की तरह मनाना उसके लिए किसी बड़े संकट से कम नहीं है। बालक हामिद अभी भी इन सब वास्तविकता को समझने वाला नहीं है। इसमें बाल सुलभ उल्लास और खुशी बरकरार है। उसकी खुशी के लिए अमीना कुछ भी कर सकती है। अपनी भयानक गरीबी में भी वह हामिद की खुशी के लिए तीन पैसे सहेज कर रखे रहती है। वह हामिद की खुशी में ही अपने जीवन की सार्थकता महसूस करती है। इसलिए यह कहना सही है कि “उसके अंदर प्रकाश है, बाहर आशा। विपत्ति अपना सारा दलदल लेकर आए, हामिद की आनन्द भरी चितवन उसका विध्वंस कर देती है।”
प्रश्न 3.
‘उन्हें क्या खबर कि चौधरी आज आँखें बदल लें, तो यह सारी इंद मुहर्रम हो जाए।’ इस कथन का आशय स्पष्ट कीजिए।
उत्तर :
बच्चों के अब्बाजान चौधरी कायमअली के घर दौड़े जा रहे हैं। उनसे वे ईद मनाने के लिए रुपए उधार माँगकर लाएँगे तभी ईद खुशी-खुशी मनाई जा सकेगी। यदि यही चौधरी रुपए उधार न दें तो उनकी ईद खुशी की जगह शोक में बदल जाएगी। बच्चों को इस स्थिति का अनुमान तक नहीं है। इस कथन से परिवार के मुखिया की स्थिति प्रकट होती है।
प्रश्न 4.
‘मानो भातृत्व का एक सूत्र इन समस्त आत्माओं को एक लड़ी में पिरोए हुए है।’ इस कथन के संदर्भ में स्पष्ट कीजिए कि ‘धर्म तोड़ता नहीं जोड़ता है।’
उत्तर :
नमाज के समय लाखों सिर एक साथ सिजदे में झुकते हैं। उनके मन में, अपार श्रद्धा का भाव होता है। सबसे भाईचारा की भावना उनको आपस में जोड़े रखती है। यही धर्म का सच्चा स्वरूप है। धर्म लोगों को जोड़ता है, तोड़ता नहीं है। धर्म के नाम पर तोड़ने की बात करने वाले धर्म के मर्म को समझते ही नहीं। कोई भी धर्म कभी भी मनुष्य मनुष्य में अंतर नहीं करता।
प्रश्न 5.
‘ईदगाह’ कहानी के शीर्षक का औचित्य सिद्ध कीजिए। क्या इस कहानी को कोई अन्य शीर्षक दिया जा सकता है ?
उत्तर :
‘इदगाह’ कहानी का शीर्षक सर्वथा उचित है। इस कहानी की प्रमुख घटनाएँ ईदगाह स्थल के इर्द-गिर्द घटित होती हैं। ईदगाह कहानी का केंद्र स्थल है। कहानी के प्रारंभ में वहीं जाने की तैयारियाँ होती दर्शाई गई हैं। ईदगाह पर ही नमाज पढ़ी जाती है। वहीं एकता, भ्रातृत्व का दृश्य दिखाई देता है। वहीं मेला लगता है जहाँ इंद की चहल देखी जाती है। यह शीर्षक प्रमुख स्थल के आधार पर है अतः पूर्णतः उचित एवं सार्थक है।
अन्य शीर्षक हो सकते हैं : ‘ हामिद का चिमटा’ अथवा ‘ईद का उपहार’।
प्रश्न 6.
निम्नलिखित गद्यांशों की सप्रसंग व्याख्या कीजिए-
(क) कई बार यही क्रिया होती है …… आत्माओं को एक लड़ी में पिरोए हुए है।
उत्तर :
प्रसंग – प्रस्तुत गद्यांश प्रसिद्ध कथाकार मुंशी प्रेमचंद द्वारा रचित कहानी ‘ईदगाह’ से लिय गया है। ईंद के अवसर पर ईदगाह में सामूहिक नमाज पढ़ने के दृश्य का यहाँ कर्णन है। यहाँ नमाज पढ़ने के ढंग एवं व्यवस्था के संचालन का प्रभावी वर्णन है।
व्याख्या – नमाज पढ़ते समय लाखों लोगों के सिर सिजदा में खुदा के आगे झुक जाते हैं। वे फिर एक साथ खड़े हो जाते हैं। एक साथ झुकने व एक साथ खड़े होने की क्रिया कई बार होती है। इस क्रिया के होते हुए ऐसा प्रतीत होता है कि जैसे लाखों बिजलियाँ (बत्तियाँ) एक साथ जल गई, हों और एक साथ बुझ जाती हों। सिजदे में सिरों के झुकने और उठने का यह क्रम चलता रहता है। यह दृश्य बड़ा अनोखा प्रतीत होता है। इस प्रकार की सामूहिक क्रियाएँ, इनका विस्तार और अंतहीनता हृदय को श्रद्धा, गर्व और आंतरिक आनंद से भर देती हैं। इस विलक्षण दृश्य को देखकर ऐसा प्रतीत होता है इन सभी में भाई-चारे की भावना है। एकता के सूत्र ने इन सभी लोगों की आत्माओं को एक-दूसरे के साथ अभिन्न रूप से जोड़ रखा है। ये लोग एक लड़ी में पिरोए मोती के समान प्रतीत होते हैं।
विशेष :
- ईदगाह में नमाज अदा करने के दृश्य का मनोहारी चित्रण किया गया है।
- गद्ध में उपमा एवं रूपक का सुंदर प्रयोग हुआ है।
(ख) बुढ़िया का क्रोध स्वाद से भरा हुआ।
उत्तर :
प्रसंग – प्रस्तुत गद्यांश मुंशी प्रेमचंद द्वारा रचित कहानी ‘ईदगह’ से अवतरित है। बूढ़ी अमीना का पोता हामिद ईदगाह के मेले से अपने लिए कोई खिलौना या मिठाई न खरीदकर बूढ़ी दादी के लिए चिमटा खरीद लाया। चिमटे को देखते ही बुढ़िया ने छाती पीट ली कि यह कैसा बेसमझ लड़का है। वह क्रोध से भर गई।
व्याख्या – जब बुढ़िया ने चिमटे को खरीदकर लाने का कारण पूछा और हामिद ने सहजता से कहा-‘तुम्हारी उँगलियाँ तवे से जल जाती थीं; इसलिए मैंने उसे लिया ‘-बुढ़िया यह उत्तर सुनकर अत्यंत भावाकुल हो उठी। उसका क्रोध गायब हो गया और वह स्नेह की मूर्ति बन गई। वह इतनी भाव-विभोर हो गई कि इसे शब्दों में प्रकट न कर पाई। वह मौन रूप से स्नेह का प्रदर्शन करती रह गई। उससे कुछ कहते न बना। वह तो पोते हामिद को बस देखती रह गई। उसका यह स्नेह भाव ठोस एवं स्वाद से भरा था। इसमें स्नेह की सच्चाई थी। वह सोच रही थी इस छोटे से बच्चे में कितनी अद्भुत त्याग की भावना है। यह दूसरों का भला सोचता है तथा इसमें अच्छे-बुरे को पहचानने की अनोखी शत्त है। बुढ़िया अमीना तो बच्चे हामिद् के इस अनोखे रूप पर मोहित-सी हो गई। उसका यह व्यवहार उसकी कल्पना से परे था।
विशेष :
- प्रस्तुत गद्यांश में बूढ़ी अमीना की भावाकुल मनःस्थिति का मार्मिक अंकन हुआ है।
- भाषा सरल एवं सुबोध है।
प्रश्न 7.
हाभिद ने चिमटे की उपयोगिता को सिद्ध करते हुए क्या-क्या तर्क दिए ?
उत्तर :
हामिद् ने चिमटे की उपयोगिता को सिद्ध करते हुए निम्नलिखित तर्क दिए :
- चिमटा बड़े काम की चीज है। रोटियाँ तवे से उतार लो, चूल्हे में सेंक लो, दूसरे को आग पकड़ा दो।
- खिलौने तो थोड़ी ही देर में टूट-फूट जाते हैं जबकि चिमटे का कुछ नहीं बिगड़ता।
- चिमटे को देखकर अम्माँ खुश हो जाएगी। वह मुझे दुआएँ देगी।
- चिमटा एक खिलौना भी है। इसे कंधे पर रखो तो बंदूक हो जाती है, हाथ में लो फकीरों का चिमटा। इससे मजीरे का काम भी लिया जा सकता है।
- चिमटे का कोई बाल भी बाँका नहीं कर सकता।
- छिम:टा खिलौनों का बादशाह, रुस्तमे हिंद सिद्ध हुआ।
प्रश्न 8.
गाँव से शहर जाने वाले रास्ते के मध्य पड़ने वाले स्थलों का ऐसा वर्णन लेखक ने किया है मानो आँखों के सामने चित्र उपस्थित हो रहा हो। अपने घर और विद्यालय के मध्य पड़ने वाले स्थानों का अपने शब्दों में वर्णन कीजिए।
उत्तर :
मैं अपने घर से विद्यालय जाने के लिए निकला हूँ। घर से निकलते ही सामने एक पार्क है। इसमें रंग-बिरंगे फूल खिले हैं। इसकी हरी-हरी घास मन को बड़ी अच्छी लगती है। इसमें कुछ लोग व्यायाम कर रहे हैं। इससे थोड़ा चलने पर एक हलवाई की दुकान आ गई। यहाँ मिठाई खरीदने वालों की भीड़ जुटी है। कुछ लोग यहीं प्रातःकालीन नाश्ता कर रहे हैं। यहाँ बैठने का भी प्रबंध है। इस दुकान की बगल में एक धोबी कपड़ों पर प्रेस कर रहा है। उसके घर के सभी सदस्य यहीं हैं। बच्चे दरी पर लेटे हैं। लो, मेरा विद्यालय दिखाई देने लगा। इसकी लाल इमारत दूर से ही चमकती है। यह एक भव्य इमारत है। मैं विद्यालय में प्रवेश कर जाता हूँ।
प्रश्न 9.
‘बच्चे हामिद ने बूढ़े हामिद का पार्ट खेला था। बुढ़िया अमीना बालिका अमीना बन गई। – इस कथन में ‘बूढ़े हामिद’ और ‘बालिका अमीना’ से लेखक का क्या आशय है ? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर :
हामिद कहानी का बाल-पात्र है। उसके माता-पिता दोनो का देहांत हो चुका है। उसका पालन-पोषण उसकी बूढ़ी दादी करती है। बूढ़ी अमीना अपने पोते का ध्यान बहुत यत्न से रखती है। दूसरों के घरों में छोटे-मोटे काम कर गुजारा करने वाली अमीना हामिद के लिए तीन पैसे बचा कर रखे रहती है। इन पैसों से हामिद को ईद का मेला घूमना था।
हमारे देश में सामाजिक चलन है कि हमारे घरों के बड़े बूढ़े जब बाहर बाजार-मेले जाते हैं तो वहाँ से घर के बच्चों के लिए अपनी हैसियत के अनुसार उपहार-मिठाई आदि खरीद कर लाते हैं। अमीना के घर में गरीबी की इतनी मार है कि वह मेले जाने के बारे में सोच भी नहं सकती। वह किसी तरह हामिद को मेले में भेजती है। हामिद भी मेले में जाता है। मेले में मिठाई-खिलौनों की दुकानें
सजी रहती हैं। उसके हमउम्र दोस्त मिठाइयाँ, खिलौने खरीदते भी हैं। हामिद मेले में अपने तीन पैसों से लोहे का चिमटा खरीदता है। उसे याद है कि रोटियाँ पकाते समय उसकी दादी की अंगुलियाँ जल जाती हैं। चिमटा खरीदना एक जिम्मेदार आदमी की भूमिका निभाना है। बूढ़ी अमीना जब यह उपहार पाती है तो अपने पोते हामिद के मन में अपने प्रति प्रेम को महसूस कर एक ‘छोटी लड़की’ की तरह भावुक हो जाती है, इसीलिए कथाकार कहता है कि “बच्चे हामिद ने बूढ़े हामिद का पार्ट खेला था। बुढ़िया अमीना बालिका अमीना बन गई।”
प्रश्न 10.
“दामन फैलाकर हामिद को दुआएँ देती जाती थी और आँसू की बड़ी-बड़ी बूँदें गिराती जाती थी। हामिद इसका रहस्य क्या समझता।”-लेखक के अनुसार हामिद अमीना की दुआओं और आँसुओं के रहस्य को क्यों नहीं समझ पाया ? कहानी के आधार पर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर :
बूढ़ी अम्माँ अपने पोते हामिद के व्यवहार से अत्यधिक अभिभूत होकर आँसू बहाने लगी थी। वह उसको लंबी उम्र तथा खुशहाली की दुआएँ देती जाती थी और आँसू बहाती जाती थी। हामिद उसकी दुआओं और आँसुओं का रहस्य समझने के लिए अभी छोटा था।-अत: वह इनका रहस्य नहीं समझ पाया।
प्रश्न 11.
हामिद के चरित्र की कोई तीन विशेषताएँ बताइए।
उत्तर :
हामिद के चरित्र की तीन विशेषताएँ :
- हामिद एक तर्कशील बालक है। वह अपने तर्कों से अपने साथियों को पराजित कर देता है।
- हामिद एक समझदार बालक है। वह व्यर्थ की चीजें नहीं खरीदता। वह स्वयं पर नियंत्रण रखता है।
- हामिद दादी के प्रति अत्यधिक संवेदनशील है। तभी तो वह मेले में अपने लिए कुछ न खरीदकर दादी के लिए चिमटा खरीद लाता है।
इस कहानी में हमें हामिद ने ही सबसे अधिक प्रभावित किया है, क्योंकि वह अपनी आयु से बढ़कर व्यवहार करता है।
प्रश्न 12.
हामिद के अतिरिक्त इस कहानी के किस पात्र ने आपको सर्वाधिक प्रभावित किया और क्यों ?
उत्तर :
हामिद के अतिरिक्त इस कहानी के पात्र-बूढ़ी अमीना के पात्र ने हमें सर्वाधिक प्रभावित किया। इसका कारण है कि वह अपने पोते की खुशियों के लिए हृदय से चिंतित रहती है। वह एक विवश स्त्री है जो बहुत कुछ चाहकर भी कुछ नहीं कर पाती। वह दिल की बड़ी नेक है, सहृदय है, संवेदनशील है।
प्रश्न 13.
बच्चों में लालच एवं एक-दूंसरे से आगे निकल जाने की होड़ के साथ-साथ निश्छलता भी मौजूद होती है। कहानी से कोई दो प्रसंग चुनकर इस मत की पुष्टि कीजिए।
उत्तर :
लालच एवं एक-दूसरे से आगे निकल जाने की होड़ :
- सभी बच्चे अपने-अपने खिलौनों को दूसरे के खिलौने से बढ़िया बताते हैं :
- मोहसिन – मेरा भिश्ती रोज पानी दे आएगा, साँझ-सवेरे।
- महमूद – और मेरा सिपाही घर का पहरा देगा। कोई चोर आएगा, तो फौरन बंदूक फैर कर देगा।
- नूरे – और मेरा वकील खूब मुकदमा लड़ेगा।
- सम्मी – और मेरी धोबिन रोज कपड़े धोएगी।
लालची एवं चिढ़ाने की प्रवृत्ति :
मोहसिन हामिद से रेवड़ी ले जाने को कहता है। हामिद को संदेह तो होता है कि मोहसिन इतना उदार नहीं है, पर वह जानकर भी उसके पास चला जाता है। मोहसिन दोने में से एक रेवड़ी निकालकर हामिद की ओर बढ़ाता है। हामिद हाथ फैलाता है। मोहसिन रेवड़ी अपने मुँह में रख लेता है। महमूद, नूरे और सम्मी खूब तालियाँ बजा-बजाकर हंसते हैं। हामिद खिसिया जाता है।
- मोहसिन – अच्छा, अब की जरूर देंगे हामिद, अल्लां कसम, ले जा।
- हामिद – रखे रहो। क्या मेरे पास पैसे नहीं हैं ?
- सम्मी – तीन ही पैसे तो हैं। तीन पैसे में क्या-क्या लोगे ?
- महमूद – हमसे गुलाब जामुन ले जाव हामिद। मोहसिंन बदमाश है।
निश्छलता :
बच्चों को अदालत, कॉलेज, क्लबघर सभी अजीब से लगते हैं। बड़े लड़कों के बारे में उनकी राय है-‘ हामिद के मदरसे में दो-तीन बड़े-बड़े लड़के हैं, बिलकुल तीन कौड़ी के। रोज मारे खाते हैं, काम से जी चुराने वाले।’ क्लबघर के बारे में उनको सोचना है-“क्लब घर में जादू होता है। सुना है, यहाँ मुर्दे की खोपड़ियाँ दौड़ती हैं। ……बड़े-बड़े आदमी खेलते हैं, मूँछों-दाढ़ी वाले। और मेमें भी खेलती हैं। सच! हमारी अम्मा को वह दे दो, क्या नाम है, बैट; तो उसे पकड़ ही न सके। घुमाते ही लुढ़क जाएँ।”
उपर्युक्त घटनाओं से बच्चों के.लालच, एक-दूसरे से आगे निकल जाने और निश्छलता का पता चलता है।
प्रश्न 14.
‘प्रेमचंद की भाषा बहुत सजीव, मुहावरेदारें और बोलचाल के निकट है। कहानी के आधार पर इस कथन की सार्थकता स्पष्ट कीजिए।
उत्तर :
प्रेमचंद की सभी रचनाओं की भाषा सजीव, मुहावरेदार एवं बोलचाल के निकंट है। भाषा की सजीवता और उसे बोलचाल के निकट बनाए रखने के लिए लेखक ने हिंदी के तंद्भव एवं
देशज शब्द के साथ उर्दू शब्दों का भी भरपूर प्रयोग किया है। जैसे-
- बैलों को सानी-पानी दे दें।
- जबान चटोरी होना।
- हराम कां माल हराम में जाना।
उर्दू शब्द-तकदीर, रोज, अल्लाह, नादानी, रोजेदार।
मुहावरों का प्रयोग :
- दिन कट जाएँगे। (दिन कटना)।
- गरदन पर सवार होना।
- गद्गद् होना।
- मुँह चुराना।
- उल्लू बनाना।
योग्यता-विस्तार –
1. प्रेमचंद की कहानियों का संग्रह ‘मानसरोवर’ के नाम से आठ भागों में प्रकाशित है। अपने पुस्तकालय से उसे लेकर पढ़िए।
इन आठ भागों में प्रेमचंद की लगभग 300 कहानियाँ संकलित हैं। अधिक से अधिक कहानियाँ पढ़ने का प्रयास कीजिए।
2. इस कहानी में लोक प्रचलित मुहावरों की भरमार है। जैसे-नानी मरना, छक्के छूटना आदि। इसमें आए मुहावरों की एक सूची तैयार कीजिए।
कहानी में आए मुहावरों की सूची :
- ईद का मुहर्रम हो जाना
- जेब में कुबेर का धन होना
- भेंट हो जाना
- दिल पर बीतना
- दिल में सहना
- राई का पर्वत बना लेना
- मुँह चुराना
- उल्लू बनाना
- आँखों तले अंधेरा छाना
- हराम का माल हराम में जाना
- ताकते रह जाना
- गले मिलना
- मोहित कर लेना
- गरदन पर सवार होना
- आँखें निकाल लेना
- कानून को पेट में डालना
- हलचल मच जाना
- जब्त होना
- गद्गय् हो जाना
- बाल बाँका भी न होना।
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प्रश्न 1.
‘ईदगाह’ कहानी की क्या विशेषता है ?
उत्तर :
‘ईदगाह’ कहानी बाल-मनोविज्ञान पर आधारित है। इस कहानी में ‘ईद’ जैसे महत्त्वपूर्ण त्योहार को आधार बनाकर ग्रामीण मुस्लिम जनजीवन का सुंदर चित्रण किया गया है। हामिद के चरित्र के माध्यम से बताया गया है कि अभाव उम्र से पहले बच्चों में कैसे बड़ों जैसी समझदारी पैदा कर देता है। मेले में हामिद अपनी हर चाह पर संयम रखने में कामयाब रहता है। बच्चे भी बड़ों का कितना ध्यान रखते हैं, यह इस कहानी के माध्यम से बताया गया है।
प्रश्न 2.
बच्चों में इद को लेकर कैसा उत्साह है ?
उत्तर :
ईद के अवसर पर बच्चे बड़ों से अधिक उत्साहित हैं। बच्चे कई दिनों से ईद का नाम रट रहे थे। उन्हें ईदगाह जाने की जल्दी है। उन्हें तो सेवइयाँ खाने की पड़ी है, भले ही इसके लिए घर में दूध-शक्कर हो या नहीं। वे बार-बार अपने पैसों को गिनते हैं। वे सोचते हैं कि वे इन पैसों से अनगिनत चीजें खरीदने में सफल हो जाएँगे। उन्होंने नए-नए कपड़े पहने हैं।
प्रश्न 3.
हामिद की बुरी दशा का क्या कारण था ?
उत्तर :
हामिद जब 4-5 साल का लड़का था, तभी उसका बाप हैजे की भेंट चढ़ गया। माँ भी पीलिया से मर गई। उस बालक को बूढ़ी अमीना ने जैसे-तैसे करके पाला। हामिद को उसने बताया कि उसके अब्बाजान थैलियाँ और अम्मीजान नियामतें लेकर आएँगी। अमीना के घर में खाने तक के लाले पड़े रहते हैं। वह दूसरों के कपड़े सिलकर कुछ पैसे कमा लेती है। उसी में से घर का खर्च चलता है। ईद के त्योहार पर सभी को कुछ-न-कुछ चाहिए। वह किस-किस से मुँह चुराती फिरे। यही स्थिति हामिद की बुरी दशा के लिए जिम्मेदार थी।
प्रश्न 4.
बच्चों द्वारा लाए गए खिलौनों का क्या हश्र हुआ ?
उत्तर :
मियाँ नूरे के वकील का ऐसा बुरा अंत हुआ कि उसे दीवार में दो खूँटियाँ गाड़कर और पटरा बिछाकर राजा भोज की भाँति विराजा गया। बाद में वकील साहब की अस्थि को घूरे पर डाल दिया गया। महमूद का सिपाही कोई साधारण आदमी तो था नहीं अत: उसके लिए एक टोकरी को पालकी का रूप दिया गया। उसमें लाल कपड़ा बिछाकर उसे लिटाया गया। नूरे ने यह टोकरी उठाई। उसके हाथ से टोकरी गिर-गिर पड़ती थी। सिपाही की टाँग टूट गई। टाँग जोड़ी गई पर वह खड़ी न हो सकी। अब वह अपनी जगह बैठा-बैठा पहरा देता था। मियाँ हामिद के चिमटे ने अपना रुतबा जमा दिया। बूढ़ी अमीना उसे देखकर पहले तो नाराज हुई फिर असलियत जानते ही भाव-विभोर हो उठी।
प्रश्न 5.
इस कहानी की प्रमुख घटनाएँ कौन-कौन सी हैं? लिखिए।
उत्तर :
‘ईदगाह’ कहानी की प्रमुख घटनाएँ निम्नलिखित हैं;
- गाँव में ईद के त्योहार की प्रसन्नता छाना और ईद मनाने की तैयारियों का होना। ईदगाह जाने की तैयारी।
- बच्चों का मेले में जाना। रास्ते में उनकी विभिन्न प्रतिक्रियाओं का होना।
- मेले में बच्चों द्वारा विभिन्न चीजें खरीदना। अपने-अपने खिलौने के पक्ष में तर्क देना। हामिद का चिमटा खरीदना।
- ईदगाह में सामूहिक नमाज का दृश्य।
- बच्चों का घर लौटना। हामिद् का दादी को चिमटा देना। दादी का भावाकुल हो जाना।
प्रश्न 6.
‘हामिद इसका रहस्य क्या समझता’-यहाँ मुंशी प्रेमचंद किस रहस्य की ओर संकेत कर रहे हैं ?
उत्तर :
बूढ़ी अमीना हामिद के व्यवहार से अत्यधिक भाव-विह्ल हो उठी थी। उसकी आँखों से आँसू की धारा बह निकलती है। अमीना और हामिद गरीबी की भयंकर मार को झेल रहे थे। हामिद की उम्र किसी जिम्मेदारी को पूरा करने की नहीं थी। इसके बाद भी वह चिमटा खरीदता है, मिठाई या खिलौना नहीं। उसका यह व्यवहार बूढ़ी अमीना को भावुकता से भर देता है। इस भावुकता में गरीबी की पीड़ा भी है और हामिद के माता-पिता के मर जाने का दुख भी। कथाकार इसी रहस्य की ओर संकेत कर रहा है।
प्रश्न 7.
इस कहानी में बच्चों के मध्य दिलचस्प वार्तालाप दिया गया है। उसे अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर :
मेले जाते समय बच्चों के मध्य जिन्नात को लेकर वार्तालाप होता है।
हलवाइयों की दुकान पर भरी मिठाइयों को कौन लेता होगा। इस पर बच्चे कहते हैं कि रात को जिन्नात आकर सारी मिठाई तुलवा ले जाते हैं। हामिद को शंका हुई कि जिन्नात के पास रुपए कहाँ से आ जाते हैं? मोहसिन कहता है कि जिन्नात के पास रुपयों की कमी नहीं होती। वे चाहे जिस खजाने में चले जाते हैं। उन्हें लोहे के दरवाजे तक नहीं मियाँ हामिद के चिमटे ने अपना रुतबा जमा दिया। बूढ़ी अमीना उसे देखकर पहले तो नाराज हुई फिर असलियत जानते ही भाव-विभोर हो उठी।
प्रश्न 5.
इस कहानी की प्रमुख घटनाएँ कौन-कौन सी हैं? लिखिए।
उत्तर :
‘ईदगाह’ कहानी की प्रमुख घटनाएँ निम्नलिखित हैं;
- गाँव में ईद के त्योहार की प्रसन्नता छाना और ईद मनाने की तैयारियों का होना। ईदगाह जाने की तैयारी।
- बच्चों का मेले में जाना। रास्ते में उनकी विभिन्न प्रतिक्रियाओं का होना।
- मेले में बच्चों द्वारा विभिन्न चीजें खरीदना। अपने-अपने खिलौने के पक्ष में तर्क देना। हामिद का चिमटा खरीदना।
- ईदगाह में सामूहिक नमाज का दृश्य।
- बच्चों का घर लौटना। हामिद् का दादी को चिमटा देना। दादी का भावाकुल हो जाना।
प्रश्न 6.
‘हामिद इसका रहस्य क्या समझता’-यहाँ मुंशी प्रेमचंद किस रहस्य की ओर संकेत कर रहे हैं ?
उत्तर :
बूढ़ी अमीना हामिद के व्यवहार से अत्यधिक भाव-विह्ल हो उठी थी। उसकी आँखों से आँसू की धारा बह निकलती है। अमीना और हामिद गरीबी की भयंकर मार को झेल रहे थे। हामिद की उम्र किसी जिम्मेदारी को पूरा करने की नहीं थी। इसके बाद भी वह चिमटा खरीदता है, मिठाई या खिलौना नहीं। उसका यह व्यवहार बूढ़ी अमीना को भावुकता से भर देता है। इस भावुकता में गरीबी की पीड़ा भी है और हामिद के माता-पिता के मर जाने का दुख भी। कथाकार इसी रहस्य की ओर संकेत कर रहा है।
प्रश्न 7.
इस कहानी में बच्चों के मध्य दिलचस्प वार्तालाप दिया गया है। उसे अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर :
मेले जाते समय बच्चों के मध्य जिन्नात को लेकर वार्तालाप होता है।
हलवाइयों की दुकान पर भरी मिठाइयों को कौन लेता होगा। इस पर बच्चे कहते हैं कि रात को जिन्नात आकर सारी मिठाई तुलवा ले जाते हैं। हामिद को शंका हुई कि जिन्नात के पास रुपए कहाँ से आ जाते हैं? मोहसिन कहता है कि जिन्नात के पास रुपयों की कमी नहीं होती। वे चाहे जिस खजाने में चले जाते हैं। उन्हें लोहे के दरवाजे तक नहीं रोक पाते। हीरे-जवाहरात तक उनके पास रहते हैं। हामिद उनके आकार के बारे में पूछता है तो मोहसिन बताता है कि वे आसमान के बराबर होते हैं। जिन्नात चौधरी के पास आकर सारी खबरें दे जाते हैं। फिर वार्तालाप कानिसटिबिल (सिपाहियों) के ऊपर आ टिकता है। मोहसिन कहता है कि ये सिपाही ही चोरी करवाते हैं। शहर में जितने चोर-डाकू हैं, इनसे मिले रहते हैं। वह अपने मामू के बारे में बताता है कि वे बीस रुपए तनख्वा पाकर भी घर पर पचास रुपए भेज देते हैं।
इन्हें पकड़ने वाला कोई नहीं है, लेकिन अल्लाह इन्हें सजा भी खूब देता हैं। मेले से वापसी में सभी बच्चे अपने-अपने ाखलौनों की विशेषताएँ बताते हैं। मोहसिन कहता है कि मेरा भिश्ती रोज पानी दे जाएगा। महमूद का सिपाही घर का पहरा देगा। नूरे का वकील खूब मुकदमा लड़ेगा। सम्मी की धोबिन रोज कपड़े धोएगी। हामिद सबके खिलौनों को मिट्टी से बने बताकर निंदा करता है। फिर वार्तालाप का विषय मिठाइयाँ हो जाती हैं। मोहसिन रेवड़ी लेने के लिए हामिद से कहता है, वह उसे चिढ़ाता है। हामिद मिठाइयों की बुराइयाँ करता है। हामिद चिमटा खरीदता है। जब मोहसिन और महमूद उसका मजाक उड़ाते हैं तो वह उन्हें करारा उत्तर देता है। वह इसे बहुउपयोगी चीज बताता है। जब सम्मी उसे अपनी खँजरी से बदलने के लिए कहता है तो हामिद कहता है-मेरा चिमटा चाहे तो तुम्हारी खँजरी का पेट फाड़ डाले। हामिद के तकों से सभी को चिमटा अच्छा लगने लगा।
प्रश्न 8.
इस कहानी में बच्चों के बीच पुलिस के बारे में दो तरह की धारणाएँ हैं। आप किस धारणा से सहमत हैं ? तर्क दीजिए।
उत्तर :
इस कहानी में बच्चों के बीच पुलिस के बारे में दो तरह की धारणाएँ हैं :
1. पुलिस के सिपाही रात को घूम-घूमकर पहरा देते हैं ताकि चोरियाँ न हो जाएँ।
2. पुलिस वाले चोरों से मिले होते हैं। ये ही चोरी करवाते हैं। ये पहरा देने का ढोंग करते हैं।
हम पहली धारणा से सहमत हैं। अधिकांश पुलिसवाले ईमानदारी से कान करते हैं। हाँ, कुछ पुलिस वाले भ्रष्ट हो सकते हैं, पर उनकी संख्या कम है। यदि सभी पुलिस वाले चोर-डाकुओं से मिल जाएँ तो समाज में अराजकता फैल जाएगी।
प्रश्न 9.
माता-पिता की मृत्यु के बाद हामिद किसके साथ रह रहा था और वह उसे क्या कहता थी ?
उत्तर :
माता-पिता की मृत्यु के बाद हामिद अपनी दादी अमीना के साथ रहता था। उसकी दादी उससे असीम प्रेम करती थी। हामिद उसी की गोद में सोता था। वह हामिद को सदैव कहती रहती थी कि उसके अब्बाजान रुपए कमाने गए हैं। बहुत-सा धन कमाकर लाएँगे। अम्मीजान अल्लाह मियाँ के घर से उसके लिए बड़ी अच्छी चीजें लाने गई हैं।
प्रश्न 10.
ईद के दिन अमीना क्यों रो रही थी ?
उत्तर :
‘ईदगाह’ कहानी में अमीना हामिद की दादी है। वह अत्यंत गरीब एवं फटेहाल है। उसके घर में अनाज का दाना तक नहीं है। उसका एक मात्र पुत्र अल्लाह की गोद में चला गया है। आज ईद के पर्व पर उसके पास अपने पोते हामिद को देने के लिए मात्र तीन पैसे के सिवाए और कुछ नहीं है। अतः अपनी इसी विवशता में वह मुँह छुपाए घर के कोने में बैठी अपनी किस्मत पर रो रही थी।
प्रश्न 11.
ईदगाह पहुँचने से पूर्व लड़कों ने क्या देखा?
उत्तर :
सभी लड़के सज-धज कर शहर जाने को तैयार हो गए। वे हैसते-खेलते शहर पहुँचे, जहाँ उन्होंने सबसे पहले अदालत, कॉलेज, क्लब, घर आदि की बड़ी-बड़ी इमारतें देखीं। इसके बाद हलवाइयों की बड़ी दुकानें देखीं। वहाँ लोगों की खूब भीड़ लगी हुई थी। अंत में इमली के घने वृक्षों के नीचे उन्हें ईदगाह दिखाई दी।
11th Class Hindi Book Antra Questions and Answers
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